खेल ही राष्ट्र की ताकत का आधार-संजय पाण्डे राष्ट्रीय खेल दिवस पर मैराथन दौड़ का आयोजन

जगदलपुर:- धरमपुरा पीजी कॉलेज मैदान से आज निकली मैराथन दौड़ केवल एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि यह राष्ट्रीय खेल दिवस पर युवाओं के जोश और भारत की खेल परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक भी बन गई। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर आयोजित इस दौड़ ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का सशक्त साधन है।
➡️पुष्पांजलि से हरी झंडी तक परंपरा और ऊर्जा का संगम
कार्यक्रम की शुरुआत मेजर ध्यानचंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी स्मृति को नमन करने से हुई। इसके बाद हरी झंडी दिखाकर दौड़ का शुभारंभ किया गया। खेल भावना से सराबोर इस आयोजन में युवा धावकों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा जगत से जुड़े लोग मौजूद रहे। महापौर संजय पाण्डे, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, एमआईसी सदस्य निर्मल पाणिग्रही, लक्ष्मण झा, संग्राम सिंह राणा, जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन, नगर निगम आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा, एसडीएम ऋषिकेश तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल, पार्षद पूनम सिन्हा, अतुल शुक्ला, कोटेश्वर नायडू सहित शिक्षा और खेल विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। यह व्यापक भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि खेल समाज को एकजुट करने की क्षमता रखते हैं।
महापौर संजय पांडे ने कहा खेल न केवल शरीर को मजबूत बनाते हैं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और टीम भावना जैसे जीवन मूल्य भी सिखाते हैं। यही कारण है कि मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी की जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाना भारतीय खेल इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यह दौड़ केवल एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि यह युवाओं को यह याद दिलाने का प्रयास था कि यदि हम स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र चाहते हैं तो खेलों को शिक्षा और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाना होगा।
मेजर ध्यानचंद ने अपने अद्भुत खेल कौशल से भारत को हॉकी में विश्वशक्ति बनाया। उनकी प्रतिभा, समर्पण और अनुशासन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ऐसे आयोजनों से उनकी विरासत जीवित रहती है और नई पीढ़ी को यह संदेश मिलता है कि कठिन परिश्रम और निष्ठा से ही सफलता की राह तैयार होती है।