स्वदेशी से समृद्धि की ओर : बस्तर में सम्पन्न हुआ स्वावलंबन का पर्व, मंत्री केदार कश्यप ने कहा – स्वदेशी ही सशक्त भारत की पहचान है
स्वदेशी मेले का भव्य समापन बना आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक, जहां मंत्री केदार कश्यप ने दिया स्वावलंबन का संदेश

➡️पहली बार बस्तर में स्वदेशी का विराट उत्सव, लालबाग में खिला स्वदेशी का रंग, आत्मनिर्भरता बनी जनभावना और गूंजा ‘मेड इन इंडिया’ का स्वर
जगदलपुर = देश में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की भावना को सशक्त करने वाले ‘स्वदेशी मेला – स्वावलंबन की ओर बढ़ता भारत’ का शुक्रवार शाम भव्य समापन हुआ। समापन समारोह के इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के केबिनेट मंत्री केदार कश्यप उपस्थित रहे। 
इस अवसर पर उन्होंने गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशी केवल एक विचार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है। जब तक हम अपने उत्पादों, अपने कारीगरों और अपनी संस्कृति पर गर्व नहीं करेंगे, तब तक सशक्त भारत का सपना अधूरा रहेगा।
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को आज देश का हर नागरिक अपनाने लगा है। यह देखकर गर्व होता है कि बस्तर जैसी धरती पर स्वदेशी मेला जैसे आयोजन आत्मनिर्भरता की भावना को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं।
➡️बस्तर में पहली बार स्वदेशी का ऐसा उत्सव, जहां समापन के दौरान भी देर रात तक उमड़ा जनसैलाब
बस्तर की धरती ने पहली बार ऐसा भव्य स्वदेशी मेला देखा, जहाँ समापन की रात भी रौनक अपने चरम पर थी। देर रात तक लोग पूरे उत्साह से स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करते रहे। हर स्टॉल पर स्थानीय कारीगरों की मेहनत और देशी उत्पादों के प्रति लोगों का उत्साह झलक रहा था। पारंपरिक परिधानों, हस्तशिल्प, जड़ी-बूटियों और स्वदेशी खानपान से सजा यह मेला आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार करता नजर आया। यह आयोजन न केवल बस्तर के लिए ऐतिहासिक रहा, बल्कि स्वदेशी संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक भी बन गया।
➡️देशभर से आए उत्पादों ने जगाई स्वदेशी चेतना
दस दिवसों तक चले इस मेले में देश के 20 से अधिक राज्यों से आए 300 से ज्यादा स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने। हस्तशिल्प, हैंडलूम, बांस उत्पाद, जैविक सामग्री, पारंपरिक आभूषण, और स्थानीय खाद्य पदार्थों ने लोगों का मन मोह लिया। मेला परिसर पूरे सप्ताह “मेड इन इंडिया, मेड फॉर इंडिया” के नारे से गूंजता रहा।
➡️महिलाओं की सहभागिता बनी मेला की पहचान
मेले में महिलाओं की सहभागिता उल्लेखनीय रही। स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को जबरदस्त सराहना मिली, वहीं आयोजन समिति में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण रही। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि नारी शक्ति यदि स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएगी, तो भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता।
➡️स्वदेशी की सुगंध में रचा-बसा समापन, सम्मान और कृतज्ञता का भाव
स्वदेशी मेले के समापन अवसर पर पूरा परिसर भारतीय संस्कृति की सुगंध और स्वदेशी भावना से सराबोर दिखा। हर ओर लोकधुनों की मधुर गूंज और स्वदेशी उत्पादों की झलक ने वातावरण को भावनात्मक बना दिया। मुख्य अतिथि, केबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने मेला आयोजन समिति और इस सफल आयोजन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्वागत उद्बोधन देते हुए प्रबंधक, भारतीय विपणन विकास केन्द्र सुब्रत चाकी ने स्वदेशी उत्पादों की महत्ता को रेखांकित किया।
समापन समारोह को मेला संयोजक किशोर पारेख ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में मेला संचालक श्याम सोमानी ने सभी आगंतुकों, सहयोगियों और प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि स्वदेशी मेले ने बस्तर में न केवल व्यापार और रोजगार का मंच दिया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को जन-जन के दिल में और गहराई से स्थापित किया।
इस अवसर पर महापौर एवं स्वदेशी मेले के सचिव संजय पाण्डे, भाजपा जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डे, जिला संयोजक स्वदेशी जागरण मंच डॉ. राम राकेश जांगिड़, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुधा मिश्रा, सभापति खेमसिंह देवांगन, मेला सह संयोजक लक्ष्मण झा एवं देवेन्द्र देवांगन, महिला प्रमुख कल्पना शर्मा, महिला सह प्रमुख प्राची गर्ग, विनायक बेहरा, शशिनाथ पाठक सहित निगम के पार्षद गण, मेला आयोजन समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।




