जिले में लगभग सवा लाख स्कूली बच्चों का अपार आईडी पंजीयन, ‘वन-नेशन, वन-आईडी’ विजन हो रहा साकार

जगदलपुर = 16 नवंबर केंद्र सरकार के ‘न्यू एजुकेशन पॉलिसी’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप बस्तर जिले ने शिक्षा के डिजिटलीकरण में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में यह कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। बस्तर जिले में समग्र शिक्षा मिशन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार जिले के कुल एक लाख 79 हजार 166 नामांकित स्कूली बच्चों में से एक लाख 36 हजार 684 स्कूली बच्चों का आधार सत्यापन पूरा हो चुका है। इस प्रक्रिया के आधार पर कलेक्टर श्री हरिस एस की सक्रिय निगरानी में एक लाख 24 हजार 504 स्कूली बच्चों के ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री आइडेंटिफिकेशन यानी अपार आईडी सफलतापूर्वक जनरेट कर लिए गए हैं। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि 91 प्रतिशत से अधिक आधार सत्यापित स्कूली बच्चे अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट डिजिटल पहचान प्राप्त कर चुके हैं।
अपार आईडी जिसे ‘वन-नेशन, वन-आईडी’ के रूप में देखा जा रहा है, छात्रों के लिए वरदान साबित होगी। यह एक डिजिटल लॉकर के रूप में कार्य करती है, जहां बच्चों के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड सुरक्षित रहते हैं। यह सुविधा छात्रों को प्रवेश या नौकरी के लिए कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता से मुक्ति दिलाएगी। साथ ही यह प्रवेश प्रक्रियाओं को सुगम बनाती है और छात्रवृत्ति तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।
जिला मिशन समन्वयक अशोक पांडे ने बताया कि कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन के मार्गदर्शन में जिले के स्कूली बच्चों के अपार आईडी पंजीयन के लिए रोस्टर अनुरूप समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित किया जा रहा है। शेष नामांकित बच्चों के आधार सत्यापन और अपार आईडी जनरेशन के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है और सर्व सम्बंधित विभागों के समन्वित प्रयासों को जल्द से इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। इस कार्य में जिला शिक्षा अधिकारी श्री बलिराम बघेल का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है, जो सतत रूप से अपार आईडी पंजीयन के लिए शिक्षा विभाग के अमले को प्रोत्साहित कर नियमित तौर पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।




