“पंडुम कैफ़े” : कॉफी शॉप का उद्घाटन नक्सली हिंसा के पीड़ितों तथा समर्पित माओवादी कैडरों के पुनर्वास हेतु किया जाएगा
पंडुम कैफ़े का उद्घाटन बस्तर में आशा और पुनर्वास के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा

🔶 दिनांक 17 नवंबर 2025 को “पंडुम कैफ़े” का उद्घाटन जिला बस्तर के जगदलपुर स्थित पूना मार्गम परिसर में किया जाएगा
जगदलपुर = पंडुम कैफ़े सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायक पहल है, जिसका उद्देश्य हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौट चुके पूर्व माओवादी कैडरों को सम्मानजनक और स्थायी आजीविका प्रदान करना है। नक्सली हिंसा के पीड़ित भी इस कैफ़े के सक्रिय सहयोगी रहेंगे तथा समर्पित कैडरों को सामाजिक मुख्यधारा में पुनः एकीकृत करने में योगदान देंगे।
माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन विष्णु देव साय, माननीय उपमुख्यमंत्री (गृह) विजय शर्मा तथा सरकार और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बस्तर रेंज में समर्पित माओवादी कैडरों & नक्सली हिंसा के पीड़ित का पुनर्वास नए दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन सुनिश्चित हो रहा है।
17 नवंबर 2025 को “पंडुम कैफ़े” का उद्घाटन जगदलपुर के पूना मार्गम परिसर में माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा किया जाएगा।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदराज पट्टलिंगम ने बताया कि पंडुम कैफ़े में कार्यरत युवा—नक्सली हिंसा के पीड़ित तथा हिंसा का मार्ग छोड़ चुके पूर्व माओवादी कैडर—अब शांति के पथ पर अग्रसर हैं। जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से उन्हें आतिथ्य सेवाओं, कैफ़े प्रबंधन, ग्राहक सेवा, स्वच्छता मानकों, खाद्य सुरक्षा और उद्यमिता कौशल का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इस कैफ़े का उद्देश्य केवल आजीविका प्रदान करना ही नहीं, बल्कि यह भी प्रदर्शित करना है कि अवसर और मार्गदर्शन मिलने पर परिवर्तन संभव है—और जो हाथ कभी संघर्ष में लगे थे, वे अब समाज निर्माण में योगदान दे सकते हैं।
आज दिनांक, 16 नवंबर 2025 को, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदराज पट्टलिंगम, कलेक्टर बस्तर हरीश एस, पुलिस अधीक्षक बस्तर शालभ सिन्हा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्र का निरीक्षण कर 17 नवंबर 2025 को आयोजित होने वाले “पंडुम कैफ़े” के उद्घाटन की तैयारियों का जायजा लिया।
“पंडुम” नाम बस्तर की सांस्कृतिक जड़ों और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता है। इसका टैगलाइन—“Where every cup tells a story”—इस बात का प्रतीक है कि यहां परोसा जाने वाला हर कप सिर्फ सुगंध और स्वाद ही नहीं, बल्कि साहस, परिवर्तन और नई शुरुआत की कहानी भी अपने साथ लिए होता है।
सरकार के मार्गदर्शन में बस्तर पुलिस और स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि पंडुम कैफ़े एक सफल सामाजिक-आर्थिक मॉडल के रूप में स्थापित हो, ताकि भविष्य में क्षेत्र में ऐसे और भी पुनर्वास केंद्र विकसित किए जा सकें। यह कैफ़े इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन, पुलिस, समुदाय, नक्सली हिंसा के पीड़ित और पुनर्वास प्राप्त माओवादी कैडर जब शांति और विकास के लक्ष्य के लिए साथ आते हैं, तो सकारात्मक बदलाव अवश्य संभव है।
पंडुम कैफ़े का उद्घाटन बस्तर में आशा, विश्वास और नई शुरुआत का एक नया प्रतीक बनकर उभर रहा है—
एक ऐसी जगह, जहाँ हर कप सचमुच एक कहानी कहता है।



