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हरियाली अमावस्या के दिन ही दशहरा क्षतिपूर्ति पौधरोपण रोपे जाएंगे साल सहित विभिन्न प्रजाति के करीब 500 पौधे

 

जगदलपुर =19 जुलाई बस्तर दशहरा का विशाल रथ बनाने हर साल छोटे-बड़े 500 पेड़ों की कटाई की जाती है। इसके एवज में अब क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना के तहत ही इस वर्ष भी शहर से करीब 09 किलोमीटर दूर नकटी सेमरा में हरियाली अमावस्या के दिन साल सहित विभिन्न प्रजाति के 500 पौधों का रोपण किया जाएगा।

बताते चलें कि जगन्नाथ पुरी में प्रतिवर्ष रथयात्रा के अवसर पर 200 पेड़ों को काट प्राप्त लकड़ी से तीन रथ बनाए जाते हैं और बदले में 800 पौधों का रोपण कर दिया जाता है, किंतु बस्तर में प्रतिवर्ष दशहरा के मौके पर लगभग 500 पेड़ों की कटाई कर एक रथ तैयार किया जाता रहा है। यहां क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण की परंपरा यहां नहीं थी। पर्यावरण प्रेमियों द्वारा लगातार बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन पर दबाव डालने की वजह से यह परंपरा वर्ष 2019 से प्रारंभ की गई है।

➡️दशहरा बाद लगाते थे पौधे

बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग की मदद से बस्तर दशहरा निपटने के बाद पौधारोपण करवाया जाता था, जबकि उस समय बारिश अंतिम चरण में होती है। ऐसे में नए पौधों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। पौधों की जीवित रखने में बड़ी तकलीफ होती थी इसलिए पर्यावरण प्रेमी लगातार बस्तर दशहरा के प्रथम अनुष्ठान पाटजात्रा के दिन अर्थात हरियाली अमावस्या के दिन ही क्षतिपूर्ति पौधारोपण की मांग करते आ रहे हैं।

➡️अब पाटजात्रा के दिन पौधरोपण

आरसी दुगा,मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त जगदलपुर ने हरियाली अमावस्या के दिन ही क्षतिपूर्ति पौधरोपण को उचित ठहराते हुए बताए कि बीते वर्षों में क्षतिपूर्ति पौधारोपण योजना के तहत कुमड़ाकोट, बोड़ामुंडा मार्केल, दरभा, लामनी आदि क्षेत्रों में साल के पौधों का रोपण किया जा चुका है। गत वर्ष पीएफ 1152 की 1.500 हेक्टेयर वन भूमि पर साल सहित 20 प्रजाति के पौधों का रोपण विभिन्न समाज के प्रमुख द्वारा कराया गया था। वित्त वर्ष 2025- 26 के तहत भी इस वर्ष बस्तर दशहरा महापर्व के प्रथम दिवस पाटजात्रा अर्थात हरियाली अमावस्या के दिन ही नकटी सेमरा की उक्त वन भूमि में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। इस कार्य हेतु गड्ढा खुदाई कार्य संपन्न कर लिया गया है उन्होंने यह भी बताया कि रोपे गए पौधों की सिंचाई के लिए बाकायदा यहां सोलर पंप और चौंकीदार की व्यवस्था भी की गई है।

Krishna Jha

Editor In Chief - Tahalka Today

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