आत्मसमर्पित माओवादियों को रोजगार मूलक प्रशिक्षण से मिलेगा आत्मनिर्भरता का नया आयाम
प्रधानमंत्री आवास योजना के सपनों को मिलेगी गति

सुकमा = 05 जून शासन-प्रशासन द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति एवं विकास सहित आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इसी कड़ी में कलेक्टर देवेश कुमार के निर्देशन में एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन के मार्गदर्शन में आत्मसमर्पित माओवादियों को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण आरएसईटीआई के तहत एनआरएलएम पंचायत अंतर्गत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बड़ेसेटटी के 30 आत्मसमर्पित माओवादी शामिल किया गया है। यह प्रशिक्षण उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ ही उनके जीवन में स्थायित्व और सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
➡️प्रधानमंत्री आवास योजना को मिलेगी गति
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में स्वीकृत आवासों के निर्माण कार्यों को गति देने के लिए यह सार्थक पहल है। प्रशिक्षित राजमिस्त्री स्वावलंबी बनेंगे और वे ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण की गुणवत्ता और गति को भी सुनिश्चित करेंगे। जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवासों के निर्माण कार्य को नई गति और मजबूती मिलेगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इन लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनकी आजीविका को सुदृढ़ बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान राजमिस्त्री कार्य की बारीकियों से लेकर, भवन निर्माण की तकनीकी दक्षता तक की जानकारी दी जा रही है।
कलेक्टर देवेश कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज में शांति, स्थायित्व और समरसता की भावना को भी मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं से कहा कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्मसमर्पित माओवादियों के पुनर्वास की दिशा में एक प्रभावी कदम है। इसके जरिए उन्हें तकनीकी कौशल और स्वावलंबन का आत्मविश्वास भी प्राप्त होगा।
➡️आवास के सपना साकार करने में कर पाएंगे मदद
ग्राम पंचायत बड़ेसेटटी के आत्मसमर्पित माओवादी ने भी प्रशिक्षण को लेकर उत्साह व्यक्त किया। उनका कहना है कि अब वे अपने परिवार और गांव के विकास में भागीदार बन पाएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे आवासों को समय पर पूरा कर लाभार्थियों को उनका सपना साकार करने में मदद कर पाएंगे।