युक्तियुक्तकरण की सकारात्मक पहल से अंदरूनी ईलाके के दो शिक्षक विहीन हाईस्कूल में हुई विषय शिक्षकों की पदस्थापना
अब बच्चों को मिलेगी विषय शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

जगदलपुर=06 जून जिले के लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड अंतर्गत दूरस्थ अंदरूनी ग्राम ककनार में स्थित शासकीय हाईस्कूल तथा बकावण्ड ब्लॉक के अंतर्गत टेम्पल कोमार हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी थी। इन दोनों हाईस्कूल का संचालन अब तक माध्यमिक शाला के शिक्षकों द्वारा किया जा रहा था, जो न केवल बच्चों के भविष्य के लिए हानिकारक था, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा था। लेकिन अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में युक्तियुक्तकरण की पहल ने इन दोनों स्कूल में बेहतर शिक्षा हेतु एक नई उम्मीद की किरण जगाई है।
हाल ही में उक्त स्कूलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत विभिन्न विषयों के छह नए शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। जिससे न केवल स्कूल में पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा, बल्कि इससे स्कूली छात्र-छात्राओं, पालकों, ग्रामीणों और पंचायत पदाधिकारियों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के पहले पूर्ण कराया है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की कमी और संसाधनों के असमान व्यवस्था को दूर करना है। लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के ककनार हाईस्कूल इसका एक जीवंत उदाहरण है। यहां अब हिंदी, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय के तीन शिक्षकों की नियुक्ति से न केवल शिक्षण कार्य में सहूलियत होगी, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाएगी। इस बदलाव से यहाँ पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता एवं पालक और ग्राम पंचायत के पदाधिकारी बेहद उत्साहित हैं। इसी तरह बकावण्ड ब्लॉक के टेम्पल कोमार हाईस्कूल में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से विज्ञान, गणित एवं सामाजिक विज्ञान के तीन शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। जिससे यहां के ग्रामीण और पंचायत पदाधिकारी अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के प्रति काफी आशान्वित हुए हैं और सरकार को धन्यवाद दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने इस सम्बंध में बताया कि जिले के विभिन्न स्कूलों में इस पहल के तहत शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वयं इस बात पर जोर दिया है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों और संसाधनों का संतुलित व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। स्कूलों में इस असमानता को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तेजी से लागू किया जा रहा है। इस पहल के जरिए ग्रामीणों का मानना है कि अब उनके बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। साथ ही उम्मीद करते हैं कि भविष्य में स्कूल में अन्य सुविधाओं जैसे कि लाइब्रेरी, प्रयोगशाला के उपकरण, खेल का मैदान और अन्य बुनियादी ढांचे की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया ने दूरस्थ ईलाके के ककनार एवं टेम्पल कोमार हाईस्कूल में एक उम्मीद भरी सकारात्मक बदलाव लाया है। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और विश्वास को भी मजबूत करेगी। ग्रामीणों और पंचायत पदाधिकारियों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि शासन की यह पहल स्कूली बच्चों के हित में है।